Best Hindi shayari in 2020 | हिंदी शायरी

Hindi shayari 



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Best Hindi shayari in 2020
हिंदी शायरी



बहुत मुश्किल से करता हूँ 
तेरी यादो का कारोबार
मुनाफा कम है 
पर गुजारा तो हो ही जाता है 



खुशबू की तरह आसपास बिखर जायेंगे,
सुकून बनकर दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर होकर भी आपके पास नजर आएंगे।



दिल से बड़ी कोई क़ब्र नहीं है,
रोज़ कोई ना कोई एहसास दफ़न होता है।



तेरे इंतज़ार में खुदखुशी कर रही है जिंदगी.
जिन्दा हो कर भी मुझे मार रही है ये जिंदगी।



हर दर्द कि दवा हो तुम
आज तक जो मागी मेरी एक लोती दुआ हो तुम
तुम्हे मिलने कि तमना नहीं उठती 
क्युकि
जो हर वक्त साथ रहती है वो हवा हो तुम ।



किसी ने धुल क्या झोकी आँखो में 
कम्बख्त पहले से ज्यादा दिखने लगा।


हिंदी शायरी 


शमा की महफ़िल ही क्या
जिसमे परवाना जल कर ख़ाक न हो
मज़ा तो तब आता है चाहत का मेरे यार
जब दिल तो जले मगर राख न हो।



कब तक
उदासी और नाउम्मीदगी रुलाएगी
राहों पर निकल पड़े हैं
तो मंजिल भी मिल जायेगी।


फर्क होता है खुदा ओर फकिर में 
फर्क होता है किस्मत ओर लकिर में 
कुछ चाहो ओर वो ना मिलै तो 
समझ लेना कुछ औरा बेहतरीन लिखा है 
तकदीर में। 



शायरी कर रहा हूँ तो शायर कही ये 
वो दिन पुराने थे जब आशिक थे हम। 



वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे
तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे
रहेगी तेरी मुहब्बत मेरी जिंदगी बन कर
वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे ।




जब खामोश निगहों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
हम तो बस खोये ही रहते है उनके ख्यालो में
पता ही नहीं चलता कब दिन कब रात होती है



हिंदी शायरी 



तेरी धड़कन ही जिंदगी का किस्सा है मेरा
तू जिंदगी का एक अहम हिस्सा है मेरा
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ लफ्जों की नहीं है
तेरे रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।



कहती है जिंदगी कि मैं
आदते बदल लु बहोत चला में
लोगो के पीछे अब खुद के साथ भी चल लु।



नज़रे तुम्हें देखना चाहे तो आंखों का क्या कसूर,
हर पल याद तुम्हारी आये तो सांसों का क्या कसूर
वैसे तो सपने पुछकर नहीं आते पर
सपने तेरे ही आये तो हमारा क्या कसूर।



जिंदगी कि शिकायते क्यु किसी के सामने
खोल देना
कोई पुछे तो
झुठ ही बोल देना।


हिंदी शायरी 



आहिस्ता चल ऐ जिंदगी
कुछ कर्ज चुकाने बाकी है
ओर कुछ अभी दर्द मिटाने बाकी है।



कुछ रहम ऐ जिंदगी तोड़ा सवर तो जाने दो
तेरा अगला जखम भी सह लेगे
पहले वाला तो भर जाने दो।



माझी तेरी कस्ती के तलबगार बहोत है
इस पार है कुछ पर उस पार बहोत है
जिस शहर खोली तुने अपनी शीशे की
दुकान वहा पत्थर के खरीदार बहोत है।



कटी हुई टहनियाँ कहाँ
छाव देती है
हद से ज्यादा उम्मीदे
 हमेशा घाव देती है।



कई जीत बाकी है कई हार बाकी है
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है
यहा से चले मंजिल के लिए
यह तो जिंदगी का एक पन्ना था
अभी तो पुरी किताब बाकी है।



कल ना हम होगे ना गिला होगा
सिर्फ सिमटी हुई यादो का सिलसिला होगा
जो लम्हे है चलो हसँकर मिटा दे
ना जाने जिंदगी का कल क्या फैसला होगा।



इश्क में तन्हाई भी होती है
इश्क में बेवफाई भी होती है
तू थाम कर तो देख हाथ मेरा तो पता चलेगा
की इश्क में सच्चाई भी होती है ।



कितनी छोटी सी दुनिया है दोस्ती की
    एक मै हूँ और एक दोस्ती तेरी ।



मुझे किसी से मोहब्बत नही सिवा तेरे
मुझे किसी की ज़रूरत नही सिवा तेरे
मेरी नज़र को थी तलाश जिस की बरसों से
किसी के पास वो सूरत नही सिवा तेरे
जो मेरे दिल और मेरी ज़िंदगी से खेल सके
किसी को इतनी इजाज़त नही सिवा तेरे ।



शाम की तन्हाई में खो ना जाना
    किसी की मस्ती में डूब ना जाना
    मिलेगी ज़रूर कल मंज़िल तुम्हे
    अपनी मांज़िल को पाकर इस दोस्त को भूल ना जाना ।


    आसमान हम से नाराज़ है
    तारो का गुस्सा बेहिसाब है
    वो सब हम से जलते है क्यू के
    चाँद से बेहतर दोस्त हमारे पास है।



हिंदी शायरी 



कोशिश करो कोई आपसे ना रूठे
जिंदगी में अपनों का साथ ना छूटे
दोस्ती कोई भी हो उसे ऐसा निभाओ,
कि उस दोस्ती की डोर जिंदगी भर ना टूटे।


खुदा ने अगर ये सिलसिला बनाया ना होता
एक दोस्त को दूसरे दोस्त से मिलाया ना होता
कितनी बेजान हो जाती ये ज़िंदगी
अगर आप जैसा दोस्त मैने पाया ना होता।



तेरी आवाज़ सुनने को तरसे है मन मेरा
तेरी एक झलक पाने को बेकरार है मन मेरा
अपनी ज़िंदगी का हर लम्हा तेरे साथ गुजारु
हर पल बस यही चाहता है मन मेरा ।



इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है
    देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है
    मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी
    पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी।
    मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
    जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा ।



दर्द कागज पर मेरा में लिखता रहा
में बेचैन था रातभर लिखता रहा
छु रहे थे बुलदिया सब आसमान कि
में सितारो के बीच चाँद तरह छिपता रहा
अकड होती तो कब का टुट गया होता
में था नाजुक डाली सबके आगे झुकता रहा
बदले यहा लोगो रंग अपने अपने ढंग से
रंग मेरा भी निखरा पर मे मेंहदी कि तरह पिसता रहा
जिनको जल्दी थी वो मंजिल कि ओर बढ चले
में समंदर से राज गहराई का सीखता रहा।


पैमानो में अब तक तलक शराब बाकी है
जिंदगी का यारो अभी हिसाब बाकी है
मान लिया कि शरिफो कि है ये महफिल
अभी तो कईयो के नकाब खुलने बाकी है
में अपनी गलती से सबक सीख लेता हूँ
मुझको पढना कही किताब अभी बाकी है
हर दिन करता रहा सवाल जिंदगी से
पर अभी तो कही सवाल आना बाकी है
काटो पे गुजार तो दी जिंदगी पर
पाठक को पाना गुलाब अभी बाकी है।


शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये
जीवन के वो हसीं पल मिल जाये
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे
शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।



जिम्मेदारिया मजबुर कर देती है
शहर छोड़ने को नहीं तो
कोन अपनी गलियो में जीना नहीं चाहता है।



हिंदी शायरी 



झुठ झुठ हसता था मैं खुशी नहीं थी सीने में
जहर भी मीठा लगता था इतना दर्द भरा है सीने में
सारा गम दर्द में दवा समझ कर खा गया
तुने हस के क्या देख लिया मे मन ही मन मुस्करा गया।



मुझे अपना ना समझ पर एक बार खुद के करीब रख कर तो देख
मत चलना मेरे साथ काँटों की राह पर
बस मेरे अंतिम चरण पर खुद को फूल बिछाने का मौका देकर तो देख ।



तेरे होंठो की लाली आज मुझे बहका रही हैं
तेरे बदन की खुशबू मुझे महका रही हैं
मेरी जान तुझे वैलेंटाइन्स डे मुबारक हो
आजा करीब तुझे छूने को बेचेनी बढ़ रही है।



वक्त कहता है कि फिर नहीं आऊंगा
तेरी आँखों को अब न रुलाऊंगा
जीना है तो इस पल को जी ले
शायद मैं कल तक न रुक पाऊंगा।



ना जाने कितनी अनकही बातें
कितनी हसरतें साथ ले जाएगें
लोग झूठ कहते हैं कि
खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएगें।



हिंदी शायरी 



सजा कैसी मिली हमको तुझसे दिल लगाने की
रोना ही पड़ा जब कोशिश की मुस्कुराने की
कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द भरी रातों का हमराज
दर्द ही मिला है जो तूने कोशिश की आजमाने की।


यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है
बस बयान करने का अंदाज़ जुदा होता है
कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं
और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है।



बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है
तड़प उठता हूँ मैं दर्द के मारे
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।



हर ज़ख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है
मेरी ज़िन्दगी की बस यही एक कहानी है
मिटा देते सनम तेरे हर दर्द को सीने से
पर ये दर्द ही तो तेरी आखिरी निशानी है।


हिंदी शायरी 


हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए
सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना
पर हम रोते गए और वो हमें खुशी खुशी रुलाते गए ।




प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था



छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में
चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में
शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई
तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में ।



मुस्कुराना ही ख़ुशी नहीं होती
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है
दोस्ती कर लेना हीं दोस्ती नहीं होती।



मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता
कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता
लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर
हर कोई आप की तरह अनमोल नहीं होता।


हिंदी शायरी